anandpur satsang

Tuesday, February 28, 2006

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

1ज़िधर भी जाओ, ये समझो, भगवान के मन्दिर की परिक्रमा कर रहे हो!

2जो कुछ भी खाओ, ये समझो, भगवान का प्रसाद खा रहे हो!

3ज़ो कुछ पियो, ये समझो, भगवान का चरणामृत पी रहे हो!

4ज़ब सोवो, तो ये समझो, भगवान के चरणो मे दण्डवत कर रहे हो!

5ज़िसकी भी सेवा करो, ये समझो,भगवान की ही सेवा कर रहे हो!

6अगर कोई तुम्हारी सहायता करे, तो ये समझो, भगवान ही मेरी सहायता कर
रहे है!

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